2024-25 में कपास उत्पादन पर असर: कम पैदावार और बुवाई क्षेत्र में गिरावट बड़ी वजह
कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया (CAI) की रिपोर्ट के अनुसार 2024-25 सीजन में भारत में कपास उत्पादन में गिरावट देखने को मिलेगी। गुजरात, पंजाब और हरियाणा जैसे प्रमुख कपास उत्पादक राज्यों में कम पैदावार और कुल रकबे में कमी के कारण इस वर्ष कपास उत्पादन 301.75 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो पिछले सीजन (2023-24) के 327.45 लाख गांठ के मुकाबले कम है।
कपास उत्पादन में गिरावट की मुख्य वजहें
- कम पैदावार – इस साल कपास की फसल में पैदावार कम रहने की खबरें आई हैं, जिससे कुल उत्पादन पर असर पड़ा है।
- कुल रकबे में गिरावट – किसान अन्य फसलों की ओर रुख कर रहे हैं, जिससे कपास की बुवाई का क्षेत्रफल घटा है।
- मौसम का प्रभाव – अनियमित बारिश और कीट प्रकोप जैसे कारक भी कपास की पैदावार को प्रभावित कर सकते हैं।
सीजन 2024-25 के लिए कपास उत्पादन अनुमान
- कुल कपास उत्पादन – 301.75 लाख गांठ
- जनवरी 2025 के अंत तक कुल आवक – 234.26 लाख गांठ
- प्रेसिंग – 188.07 लाख गांठ
- आयात – 16 लाख गांठ
- शुरुआती स्टॉक – 30.19 लाख गांठ
कपास की खपत और निर्यात स्थिति
- जनवरी 2025 तक कपास की खपत – 114.00 लाख गांठ
- निर्यात शिपमेंट अनुमान – 8.00 लाख गांठ
- जनवरी 2025 के अंत में स्टॉक – 112.26 लाख गांठ
निर्यात में गिरावट
सीएआई के अनुसार, 2024-25 सीजन के लिए कपास निर्यात 17 लाख गांठ रहने का अनुमान है, जो पिछले सीजन 2023-24 के 28.36 लाख गांठ के अनुमान से काफी कम है।
कपास की गुणवत्ता अच्छी लेकिन उत्पादन कम
सीएआई के अध्यक्ष अतुल गनात्रा ने कहा कि इस वर्ष कपास की गुणवत्ता अच्छी है, लेकिन पैदावार और कुल रकबे में गिरावट के कारण उत्पादन प्रभावित हो सकता है।
निष्कर्ष
2024-25 सीजन में कपास उत्पादन में गिरावट एक महत्वपूर्ण मुद्दा है, जो किसानों, व्यापारियों और निर्यातकों को प्रभावित कर सकता है। हालांकि, कपास की गुणवत्ता इस बार अच्छी बताई जा रही है, जिससे घरेलू खपत और बाजार की मांग बनी रह सकती है।