मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन 2025: पंजीयन, प्रक्रिया और महत्वपूर्ण जानकारी
मध्यप्रदेश में समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन 2025 के लिए पंजीयन 20 जनवरी से शुरू हो चुका है। यह प्रक्रिया 31 मार्च 2025 तक जारी रहेगी। किसान अब अपने गेहूं की फसल को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए पंजीकरण करा सकते हैं, जिससे उन्हें उनके फसल का उचित मूल्य मिलेगा। इस वर्ष गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) 2425 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है, जो पिछले वर्ष की तुलना में अधिक है।
समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन 2025 पंजीयन के लिए सुविधाएं
किसान अपना पंजीकरण समर्थन मूल्य गेहूं पंजीयन के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से कर सकते हैं। पंजीकरण के लिए किसान को आधार कार्ड, बैंक खाता विवरण और भूमि दस्तावेज की आवश्यकता होती है। पंजीकरण के समय सभी दस्तावेज सही और अद्यतन होने चाहिए ताकि कोई समस्या न हो। पंजीकरण के लिए निम्नलिखित सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं:
1. ऑनलाइन पंजीयन:
किसान अपने निकटतम इंटरनेट कैफे या ग्राम पंचायत में जाकर ई-उपार्जन पोर्टल पर ऑनलाइन पंजीकरण कर सकते हैं।
2. कियोस्क केंद्र:
सरकार द्वारा अधिकृत कियोस्क केंद्रों पर किसान अपनी भूमि व बैंक खाते से संबंधित दस्तावेज देकर पंजीयन करवा सकते हैं।
3. सहायता केंद्र:
प्रत्येक जिले और विकासखंड में सहायता केंद्र स्थापित किए गए हैं, जहां किसान अपनी समस्याओं का समाधान प्राप्त कर सकते हैं।
4. मोबाइल ऐप:
ई-उपार्जन मोबाइल ऐप के माध्यम से किसान घर बैठे पंजीकरण कर सकते हैं और अपनी पंजीकरण स्थिति की जांच भी कर सकते हैं।
5. संपर्क नंबर:
पंजीयन संबंधी जानकारी और सहायता के लिए सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं, जिन पर किसान संपर्क कर सकते हैं।
6. पंजीयन शुल्क:
पंजीयन प्रक्रिया पूरी तरह से निःशुल्क है। सरकार का उद्देश्य है कि सभी पात्र किसान समय पर अपना पंजीकरण कर सकें और समर्थन मूल्य का लाभ उठा सकें।
भुगतान प्रक्रिया और बैंक खाता
समर्थन मूल्य पर गेहूं उपार्जन के बाद, किसानों को उनके बैंक खाते में सीधे DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से भुगतान किया जाएगा। यह भुगतान प्रक्रिया जल्दी और पारदर्शी होगी, जिससे किसानों को कोई कठिनाई नहीं होगी। भुगतान प्रक्रिया और बैंक खाता संबंधित जानकारी निम्नलिखित है:
1. बैंक खाता अनिवार्य:
पंजीकरण के समय किसानों को अपने सक्रिय बैंक खाते की जानकारी देना अनिवार्य है। खाता किसान के नाम पर होना चाहिए और उसमें सही IFSC कोड का उल्लेख होना जरूरी है।
2. सीधे खाते में भुगतान:
समर्थन मूल्य पर बेचे गए गेहूं का भुगतान सीधे किसान के बैंक खाते में DBT (डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर) के माध्यम से किया जाएगा।
3. समय पर भुगतान:
उपार्जन केंद्र पर गेहूं की तौल और सत्यापन के बाद 7 से 15 कार्य दिवसों के भीतर किसान के खाते में भुगतान किया जाएगा।
4. भुगतान की स्थिति जांच:
किसान ई-उपार्जन पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम से अपने भुगतान की स्थिति जांच सकते हैं।
5. सत्यापन जरूरी:
पंजीकरण के समय दिए गए दस्तावेज़, जैसे भूमि रिकॉर्ड और बैंक खाता जानकारी, का सत्यापन किया जाएगा। सही जानकारी देने पर ही भुगतान प्रक्रिया पूरी की जाएगी।
6. सहायता केंद्र:
यदि भुगतान में किसी प्रकार की देरी या समस्या हो, तो किसान अपने जिले के सहायता केंद्र या हेल्पलाइन नंबर पर संपर्क कर सकते हैं।सरकार का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि किसानों को उनके फसल का उचित मूल्य समय पर और बिना किसी बाधा के प्राप्त हो।
आधार सत्यापन और अन्य निर्देश
समर्थन मूल्य पर गेहूं विक्रय के लिए पंजीकरण प्रक्रिया को पारदर्शी और सुरक्षित बनाने हेतु आधार सत्यापन अनिवार्य किया गया है। इसके साथ ही अन्य आवश्यक निर्देश निम्नलिखित हैं:
1. आधार सत्यापन की प्रक्रिया:
- पंजीकरण के समय किसानों को अपने आधार कार्ड की जानकारी अनिवार्य रूप से देनी होगी।
- पंजीकरण के दौरान आधार नंबर का OTP के माध्यम से सत्यापन किया जाएगा।
- यदि किसान का आधार उनके बैंक खाते से लिंक नहीं है, तो भुगतान में देरी हो सकती है। इसलिए आधार को बैंक खाते से जोड़ना अनिवार्य है।
2. भूमि दस्तावेज:
- पंजीकरण के लिए भू-अधिकार पुस्तिका (खसरा/बी-1) की अद्यतन जानकारी प्रस्तुत करनी होगी।
- किसान को यह सुनिश्चित करना होगा कि पंजीकरण में दी गई भूमि की जानकारी सही हो।
3. मोबाइल नंबर अनिवार्य:
- पंजीकरण के लिए किसान को अपना सक्रिय मोबाइल नंबर देना होगा।
- पंजीकरण की स्थिति और भुगतान से संबंधित जानकारी मोबाइल पर भेजी जाएगी।
4. फसल की जानकारी:
- किसान को अपनी फसल की बोवनी और रकबा की सटीक जानकारी दर्ज करनी होगी।
- गलत जानकारी देने पर पंजीकरण निरस्त किया जा सकता है।
5. तौल और वितरण प्रक्रिया:
- उपार्जन केंद्र पर गेहूं की तौल और गुणवत्ता परीक्षण के बाद ही समर्थन मूल्य पर खरीद की जाएगी।
- तौल प्रक्रिया पूरी तरह पारदर्शी होगी, और किसान को इसकी रसीद दी जाएगी।
6. समय पर उपस्थिति:
- किसान को अपनी फसल उपार्जन केंद्र पर निर्धारित तारीख और समय पर लानी होगी।
- देरी से आने पर उपज की खरीद में समस्या हो सकती है।
7. हेल्पलाइन और शिकायत निवारण:
- आधार सत्यापन या पंजीकरण से संबंधित समस्याओं के लिए राज्य सरकार ने हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं।
- किसान किसी भी प्रकार की समस्या के समाधान के लिए निकटतम सहायता केंद्र से संपर्क कर सकते हैं।
महत्वपूर्ण निर्देश:
- पंजीकरण प्रक्रिया के दौरान दी गई जानकारी में कोई त्रुटि न हो, इसका ध्यान रखें।
- सभी आवश्यक दस्तावेज (आधार कार्ड, भूमि रिकॉर्ड, बैंक खाता जानकारी) साथ रखें।
- फसल की गुणवत्ता बनाए रखें, क्योंकि उपार्जन केंद्र पर गुणवत्ता परीक्षण किया जाएगा।
सरकार का उद्देश्य है कि सभी किसानों को समय पर, सुगम और पारदर्शी तरीके से समर्थन मूल्य का लाभ मिले।