गेहूं के 35 दिन के बाद क्या स्प्रे करें | What Spray to Use After 35 Days of Wheat Growth

गेहूं के 35 दिन के बाद क्या स्प्रे करें

 

गेहूं के 35 दिन के बाद क्या स्प्रे करें
गेहूं के 35 दिन के बाद क्या स्प्रे करें

गेहूं (Gehu) की खेती भारतीय किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण फसल है। गेहूं की अच्छी उपज सुनिश्चित करने के लिए कई प्रक्रियाएं की जाती हैं। किसानों को गेहूं की बेहतर उपज के लिए विभिन्न प्रकार के स्प्रे का उपयोग करना पड़ता है। यह आर्टिकल गेहूं के 35 दिन के बाद स्प्रे करने के विभिन्न तरीकों और उनके फायदों पर आधारित है|

गेहूं के 35 दिन के बाद क्या स्प्रे करें?

गेहूं के अच्छे उत्पादन के लिए उसकी सेहत और सुरक्षा का ध्यान रखना आवश्यक है। 35 दिन के बाद गेहूं को कुछ खास स्प्रे दिए जाते हैं जो उसकी वृद्धि को सुधारते हैं और कीट या रोग से बचाव करते हैं। ये स्प्रे मुख्य रूप से प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर्स, फंगिसाइड्स और कीटनाशक हो सकते हैं।

1. फंगिसाइड्स का उपयोग

गेहूं की खेती में कई प्रकार के फंगल इन्फेक्शन्स होते हैं, जो उपज को प्रभावित करते हैं। 35 दिन के बाद, जब गेहूं का रूप पूरी तरह से विकसित होने लगता है, तब फंगस का खतरा भी बढ़ जाता है। फंगिसाइड्स का उपयोग करके आप फंगल डिजीज जैसे कि पाउडरी मिल्ड्यू, रस्ट और लीफ स्पॉट को रोक सकते हैं।

  • सुझाए गए फंगिसाइड्स:
    • मैनकोजेब (Mancozeb)
    • टेबुकोनाजोल (Tebuconazole)
    • प्रोपिकोनाजोल (Propiconazole)

ये फंगिसाइड्स गेहूं के पत्तों को फंगस से बचाते हैं और उनकी स्वस्थ वृद्धि बनाए रखते हैं।

2. कीटनाशकों का उपयोग

गेहूं के 35 दिन के बाद, कई प्रकार के कीड़े और मच्छर भी उपस्थित होते हैं जो उपज को नुकसान पहुँचाने लगते हैं। कीटनाशकों का उपयोग करके आप गेहूं के उत्पादन को सुरक्षित रख सकते हैं।

  • सुझाए गए कीटनाशक:
    • क्लोरपाइरीफॉस (Chlorpyrifos)
    • इमिडाक्लोप्रिड (Imidacloprid)
    • लैम्ब्डा- सायहलोथ्रिन (Lambda-Cyhalothrin)

कीटनाशकों का उपयोग करके आप एफिड्स, जैसिड्स और स्टेम बोर्स जैसे कीड़ों से बचाव कर सकते हैं।

3. प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर्स (PGRs)

गेहूं की बेहतर वृद्धि और उत्पादन के लिए प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर्स का उपयोग भी महत्वपूर्ण होता है। ये स्प्रे गेहूं की स्टॉक्स को मजबूत बनाते हैं और उसकी समग्र सेहत को सुधारते हैं। 35 दिन के बाद, गेहूं को कुछ विशेष ग्रोथ प्रमोटर्स दिए जाते हैं।

  • सुझाए गए PGRs:
    • साइकोसेल (Cycocel)
    • NAA (नैफथलिन ऐसिटिक एसिड)

ये पदार्थ गेहूं की वृद्धि को बढ़ावा देते हैं और उसे जल्दी परिपक्व करने में मदद करते हैं।

4. माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का स्प्रे

गेहूं को कई माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की आवश्यकता होती है जैसे आयरन, जिंक और मैंगनीज, जो उसकी वृद्धि और सेहत को सुधारते हैं। 35 दिन के बाद, यदि माइक्रोन्यूट्रिएंट्स की कमी हो, तो स्प्रे करना जरूरी हो सकता है।

  • सुझाए गए माइक्रोन्यूट्रिएंट स्प्रे:
    • जिंक सल्फेट (Zinc Sulphate)
    • आयरन सल्फेट (Iron Sulphate)
    • बोरेक्स (Borax)

ये माइक्रोन्यूट्रिएंट स्प्रे गेहूं की गुणवत्ता को सुधारते हैं और उसकी वृद्धि को मजबूत बनाते हैं।

गेहूं के स्प्रे करने की सही विधि

गेहूं के स्प्रे करने के लिए कुछ बातें ध्यान में रखनी चाहिए:

  1. विधि का चयन: स्प्रे को सुबह के समय या शाम के समय लगाएं, जब धूप कम हो और पत्तों पर जलने का खतरा कम हो।
  2. पदार्थ की मात्रा: स्प्रे की मात्रा और सांद्रता को सही तरीके से तैयार करें। ज्यादा मात्रा भी नुकसान कर सकती है।
  3. स्प्रेयर की सफाई: स्प्रेयर को अच्छे से साफ करना जरूरी है, ताकि पिछला केमिकल मिक्स न हो।

गेहूं के 35 दिन के बाद स्प्रे करना एक महत्वपूर्ण कदम है जो गेहूं की वृद्धि और सेहत को सुधारता है। फंगिसाइड्स, कीटनाशक, प्लांट ग्रोथ रेगुलेटर्स और माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का उपयोग गेहूं की खेती को सफल बना सकता है। ये स्प्रे उसकी उपज को बेहतर बनाते हैं और उसे रोग और कीटों से बचाते हैं। किसानों को इन स्प्रे के उपयोग में सावधानी बरतनी चाहिए और सही तरीके से उपयोग करना चाहिए ताकि गेहूं के उत्पादन में वृद्धि हो।

Leave a Comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Scroll to Top