आज के कपास के भाव की जानकारी (21/01/2025)
सफ़ेद सोने के नाम से जानी जाने वाली कपास, मालवेसी कुल का एक महत्वपूर्ण पौधा है। कपास का मुख्य उपयोग रुई बनाने में किया जाता है। भारत में कपास उत्पादन के मामले में गुजरात अग्रणी राज्य है। किसान अपनी उपज को मंडियों में बेचकर अच्छा लाभ कमाते हैं। वर्तमान में, कपास के भाव में प्रतिदिन 250 से 370 रुपये तक का उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है।
कपास का भाव 2025 (Cotton Price 21 January)
स्थान | कपास की कीमत (Rs./Quintal) |
---|---|
महाराष्ट्र | 8,500 – 9,200 |
गुजरात | 8,700 – 9,300 |
मध्य प्रदेश | 8,300 – 9,000 |
चौता नगर | 8,600 – 9,400 |
आज के कपास के भाव (21 जनवरी 2025)
हरियाणा की रोहतक मंडी | 5,520 रूपए प्रति क्विंटल |
ऐलनाबाद कपास की मंडी | 6,560 रूपए प्रति क्विंटल |
जामनगर मंडी | 5,960 रूपए प्रति क्विंटल |
भावनगर मंडी | 5,950 रूपए प्रति क्विंटल |
फतेहाबाद – हरियाणा मंडी | 6,570 रूपए प्रति क्विंटल |
आंध्रप्रदेश मंडी | 4,950 रूपए प्रति क्विंटल |
हिसार मंडी | 4,550 रूपए प्रति क्विंटल |
महाराष्ट्र मंडी | 6,000 रूपए प्रति क्विंटल |
गोंडल मंडी | 5,000 रूपए प्रति क्विंटल |
गुजरात अमरेली मंडी | 6,010 रूपए प्रति क्विंटल |
भेसान मंडी | 5,950 रूपए प्रति क्विंटल |
हरियाणा मेहम कपास मंडी | 5,510 रूपए प्रति क्विंटल |
आदमपुर कपास मंडी | 5,550 रूपए प्रति क्विंटल |
रतिया मध्यम कपास मंडी | 5,580 रूपए प्रति क्विंटल |
राजकोट मंडी | 5,000 रूपए प्रति क्विंटल |
धोराजी मंडी | 5,920 रूपए प्रति क्विंटल |
महुवा स्टेशन रोड गुजरात मंडी | 5,040 रूपए प्रति क्विंटल |
हरियाणा की सिरसा मंडी (मध्यम कपास) | 4,540 रूपए प्रति क्विंटल |
कीमत पर प्रभाव क्यों पड़ा
- गुणवत्ता: गुणवत्ता की स्थितियां, जैसे प्रोडक्शन पर अफर पढ़ती है, की मुख्य भूमिकाओं की ब्याज होती है।
- खेत और मौसम: कृषि के मौसम और खेत के चलक्रमान की भूमिकाओं पर असर पढ़ती है।
किसान के लिए सुझावाओं
हाल के दिनों में कपास की फसल पर गुलाबी सुंडी का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है। पिछले वर्ष इस कीट ने फसल को भारी नुकसान पहुंचाया था, जिससे पैदावार में कमी आई और किसानों को आर्थिक हानि झेलनी पड़ी। खरीफ के मौसम में उगाई जाने वाली कपास एक महत्वपूर्ण नकदी फसल है, जिसे रोगों से सुरक्षित रखना बेहद जरूरी है।
यदि फसल में गुलाबी सुंडी या किसी अन्य कीट का प्रकोप दिखाई दे, तो तुरंत कृषि विशेषज्ञों से सलाह लें और उनकी सिफारिश के अनुसार सही कीटनाशकों का उपयोग करें। समय पर उपचार से फसल को नुकसान से बचाया जा सकता है और पैदावार में सुधार लाया जा सकता है।